देहरादून में धोरण पुल के पास हो रहे अवैध खनन की जांच के बाद, उत्तराखंड सरकार ने 75 जोखिम भरे पुलों पर यातायात को रोकने का फैसला किया है.
पीडब्ल्यूडी ने धोरण पुल के पास हो रहे अवैध खनन की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है. टीम को पुल के आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण करना है और यह पता लगाना है कि अवैध खनन से पुल को कोई नुकसान हुआ है या नहीं. यदि पुल को नुकसान हुआ है, तो पीडब्ल्यूडी इसे मरम्मत कराएगा.
उत्तराखंड सरकार ने 75 जोखिम भरे पुलों पर यातायात को रोकने का फैसला किया है क्योंकि ये पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और खतरनाक हो गए हैं. इन पुलों को मरम्मत के बाद ही ट्रैफिक के लिए खोला जाएगा.
उत्तराखंड में अवैध खनन एक बड़ी समस्या है. यह नदियों के किनारे हो रहा है और पुलों की नींव को खोखला कर रहा है. जिसके कारण बीते दो-तीन सालों में कई पुल धराशायी हो चुके हैं. पुलों के नीचे, नदियों में हो रहा अवैध खनन इन सभी पुलों के टूटने की मुख्य वजह रहा. राजधानी देहरादून का धोरण पुल भी जर्जर हालत में है. खनन ने इसकी नींव को खोखला कर दिया है. जिसके कारण ये पुल भी ढह सकता है.
अवैध खनन से नदियों को भी नुकसान हो रहा है. नदियों का प्रवाह कम हो रहा है और जलस्तर गिर रहा है. इससे मछली पालन और सिंचाई पर भी असर पड़ रहा है. अवैध खनन से पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है. नदियों का पानी प्रदूषित हो रहा है और मिट्टी का कटाव हो रहा है.
उत्तरााखंड सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए कई कदम उठा चुकी है. लेकिन अवैध खनन अभी भी जारी है. सरकार को अवैध खनन को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है. सरकार को अवैध खनन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. सरकार को अवैध खनन करने वालों को सजा देनी चाहिए.