उत्तरकाशी में अतिवृष्टि के कारण पुरोला, बड़कोट और डुंडा में भारी तबाही हुई है। कई मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है जबकि किसानों की 400 नाली जमीन मलबे की चपेट में आकर बह गई है। गदेरे उफान पर आ गए हैं। कई गौशालाएं और पशु भी मलबे की चपेट में आकर बह गए हैं।
उत्तरकाशी जिले में अतिवृष्टि के कारण भारी तबाही हुई है। बारिश की वजह से 50 से अधिक मकान, 19 के लगभग दुकानें और स्कूल- हॉस्टल के साथ-साथ अस्पताल भी मलबे की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
अतिवृष्टि के कारण लगभग 45 गांव में बिजली की लाइनें टूटने से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है। भारी बारिश के चलते कई गाड़-गदेरे उफान पर आ गए। जिसकी वजह से पुरोला बड़कोट और डुंडा तहसील में भारी तबाही हुई है।
उत्तरकाशी जनपद में देर रात को हुई अतिवृष्टि के कारण बड़कोट तहसील के अंतर्गत गंगनानी में भूस्खलन का मलबा आने से टूरिस्ट कॉटेज क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय के परिसर में भी पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा घुस गया।
सूचना मिलने पर एसडीएम, सीओ बड़कोट और एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर छात्राओं को सिर्फ सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। किसी प्रकार की जनहानि नहीं हिने से प्रशासन ने राहत की सांस ली। इसके साथ ही पुरोला के छाड़ा खंड में भी बादल फटने के कारण भूस्खलन हुआ है।
कमल नदी, माल गाड़ सहित अन्य कई गहरे उफान पर आ गए जिसकी वजह से खेतों और सेब के बगीचे को भारी नुकसान पहुंचा है। जबकि नगर के कई घरों में पानी और मलबा घुस गया है। भारी मात्रा में आए मलबे को देखकर लोग घबरा गए और घरों से भाग कर अपनी जान बचाई।
भूमि कटाव और कुछ घरों और दुकानों में मलबा घुस गया। घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल देर रात प्रशासनिक टीम और एसडीआरएफ के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इन घटनाओं में कोई जनहानि की सूचना नहीं है। उप जिलाधिकारी पुरोला देवानन्द शर्मा और उपजिलाधिकारी बड़कोट जितेंद्र कुमार पुलिस तथा प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों के साथ मौके पर मौजूद रहे।
देर रात करीब ढाई बजे हुई इन घटनाओं की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने उप जिलाधिकारी पुरोला और उप जिलाधिकारी बड़कोट को तत्काल समबन्धित विभागों के कर्मियों के साथ मौके पर निरीक्षण करने और प्रभावितों की मदद करने के निर्देश दिए।
उधर बड़कोट के गंगनानी में सड़क पर मलवा आने से सड़क बन्द हो गई है। सड़क पर मलबा लगभग 30 मीटर तक फैला हुआ है। केम्प निर्वाना नामक एक रिजोर्ट क्षतिग्रस्त हुआ है। डुंडा तहसील के अन्तर्गत धौन्तरी गांव के ऊपर भू धंसाव होने से मनीराम बहुगुणा, बुद्धि प्रकाश बहुगुणा, कीर्ति प्रसाद बहुगुणा के भवन के अंदर मलबा घुस गया।
राहत की बात यह है कि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। यहां 19 घरों और 4 दुकानों में मलबा आने से काफी नुकसान हुआ है। जबकि पूरे जिले में किसानों की चार सौ नाली से अधिक जमीन अतिवृष्टि की चपेट में आ गई। वही चार पैदल और मोटर पुल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिसकी वजह से आवाजाही की भी दिक्कत हो रही है जबकि धंतौरी के प्राथमिक स्कूल की दीवार भी ढह गई है।
यमुना घाटी में हुई बारिश के चलते पुरोला के संपर्क मार्ग कई जगह से टूट गए हैं। जिसकी वजह से सेब और नाशपाती किसानों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। धनारी क्षेत्र में धनपति नदी उफान पर आने के कारण देवी धार में मोक्ष घाट बह गया।
उत्तरकाशी जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला का कहना है कि जनपद में अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ है। पुरोला, बड़कोट, डुंडा के धौंतरी और धनारी क्षेत्र में कई आवासीय मकानों के साथ कृषि भूमि को भी काफी नुकसान पहुंचा है। नुकसान का आकलन प्रशासन की ओर से कराया जा रहा है और आपदा से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर टिहरी जिले के घनसाली में भी भारी बारिश से मलबा आने के कारण 14 मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया है। फलदार ब्लॉक के चोपड़ा गांव में एक आवासीय मकान ढह गया। हालांकि उस समय घर में कोई नहीं था लेकिन घर का अधिकतर सम्मान मलबे में दब गया।