Monday, December 23, 2024
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जब तक अपने ‘‘विकल्प रहित संकल्प‘‘ को पूरा नहीं कर लेते तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे, आराम से नहीं बैठेंगे: धामी

जब तक अपने ‘‘विकल्प रहित संकल्प‘‘ को पूरा नहीं कर लेते तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे, आराम से नहीं बैठेंगे: धामी

प्रधानमंत्री की पिथौरागढ़ की यात्रा से क्षेत्र को मिली नई पहचान – मुख्यमंत्री धामी

प्रधानमंत्री मोदी देश के सीमान्त गांवों के विकास के प्रति बहुत गंभीर है, इसका सीधा उदाहरण विगत दिनों उनके द्वारा आदि कैलाश व गुंजी की यात्रा है: धामी

सीमांत क्षेत्र के गांवों का सतत विकास हमारी प्राथमिकता में शामिल है, जिसे लगातार बढ़ाया जा रहा है: धामी

मुख्यमंत्री ने किया जौलजीबी मेले का शुभारम्भ, भारत और नेपाल की साझी संस्कृति का प्रतीक है जौलजीवी मेला

मुख्यमंत्री ने जौलजीबी मेले के लिये की रुपए 10 लाख दिए जाने की घोषणा

जौलजीबी मेले के अवसर पर केएमवीएन द्वारा काली नदी पर युवाओं हेतु आयोजित राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री की पिथौरागढ़ की यात्रा से इस क्षेत्र को मिली नई पहचान – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई विकास प्रदर्शनी का भी शुभारंभ कर, सभी स्टालों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री ने दी बच्चों को बाल दिवस की बधाई, चॉकलेट देकर दिया आशीर्वा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को काली एवं गोरी नदी के संगम पर आयोजित 110 वर्ष पुराने जौलजीबी मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलजीबी मेला भारत, नेपाल व तिब्बत के मध्य आपसी सौहार्द, व्यापारिक, सास्कृतिक व परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य करता है। यह मेला धार्मिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में बहुत महत्व रखता है। यह मेला भारत एवं नेपाल देश के बीच संस्कृति, सभ्यता के साथ-साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाता आ रहा है। उन्होंने कहा कि वे बचपन से ही यहां के रीति-रिवाज और संस्कृति को देखते आ रहे हैं तथा इस मेले से उन्हें बहुत लगाव रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जौलजीबी मेले हेतु रुपए 10 लाख दिए जाने की घोषणा की तथा केएमवीएन द्वारा काली नदी पर युवाओं हेतु आयोजित राफ्टिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई विकास प्रदर्शनी का शुभारंभ कर सभी स्टालों का भी निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने चाकलेट देकर बच्चों को बाल दिवस की बधाई दी तथा उन्हें आशीर्वाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सांस्कृतिक मेला हमारी विलुप्त होती लोक विरासत को संरक्षण प्रदान कर रहा है और आने वाली पीढ़ी को हमारी लोक संस्कृति से परिचित कराने का कार्य भी कर रहा है। राष्ट्र और संस्कृति को प्रत्यक्ष रूप से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह सांस्कृतिक मेला, निश्चित रूप से हमारी आगामी पीढ़ी के लिए सामाजिक समरसता को प्रगाढ़ करने का कार्य करेगा। ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से हमारे राज्य के कलाकारों को भी एक मंच प्राप्त होता है और उनकी कला को प्रोत्साहन मिलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सीमान्त गांवों के विकास के प्रति बहुत गंभीर है, इसका सीधा उदाहरण विगत दिनों उनके द्वारा आदि कैलाश व गुंजी की यात्रा है, जिससे आज पूरा विश्व इस क्षेत्र को जानने लगा है, यहां की यात्रा के उपरांत स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा ट्वीट कर पवित्र आदि कैलाश की सुंदरता, धार्मिक महत्ता का वर्णन किया गया, जिससे अब यहां आवाजाही लगातार बढ़ रही है। अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी इसके बाद इसे लेकर ट्वीट किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में यह पूरा क्षेत्र आवागमन का बहुत बड़ा केंद्र बनेगा।

उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र के गांवों का सतत विकास हमारी प्राथमिकता में शामिल है, जिसे लगातार बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ जनपद के इस सीमान्त क्षेत्र के विकास के लिए काली नदी पर डबल लेन मोटर पुल का निर्माण किया जा रहा है। जिससे भारत और नेपाल देश के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का भी निर्माण व चौड़ीकरण किया जा रहा है, इससे व्यापार बढ़ेगा तथा क्षेत्र का विकास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ से हवाई सेवा संचालित करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है और बहुत जल्द हवाई सेवा शुरू करने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में एयरक्राफ्ट खड़ा है। पायलट के लिए 100 घंटे की फ्लाइंग आवश्यक होती है, इस प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में यहां मेडिकल कॉलेज भी बनने जा रहा है। जो सब आज यहां हो रहा है, वो पहले किसी ने सोचा भी नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए हम समर्पित भाव से दिन-रात कार्य कर रहे हैं, और जब तक अपने ‘‘विकल्प रहित संकल्प‘‘ को पूरा नहीं कर लेते तब तक हम चैन से नहीं बैठेंगे, आराम से नहीं बैठेंगे।

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