जोशीमठवासियों की बढ़ी चिंताए
आपदा प्रभावित जोशीमठ में लोगों की चिताएं एक बार फिर से बढ़ गई है। मानसून के दस्तक देते ही लोगों को दरारें पड़ने और उनके बढ़ने का डर सताने लगा है। बारिश के दौरान खतरे से आशंकित लोग रातजगा कर रहे हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा राहत कैंपों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन अब इन शिविरों में कुछ परिवार ही बचे हुए हैं।
सरकार को चेताने के लिए जोशीमठ के लोगों ने दिया धरना
जोशीमठ के लोगों ने सरकार को चेताने के लिए आज एक दिवसीय धरना दिया। जोशीमठ आपदा प्रभावितों ने मुआवजे, पुर्नवास सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार को जोशीमठ तहसील में एक दिवसीय धरना दिया। उन्होंने धरना देकर करकार को चेताया कि अगर उन्हें जल्द ही न्याय नहीं मिला तो वो आंदोलन की राह पर चलेंगे।
हमें शिविर में रखकर भूल गई सरकार
आपदा प्रभावितों का कहना है कि हमें शिविर में रखकर सरकार भूल गई है। बता दें कि जनवरी में जोशीमठ में आपदा के चलते 278 परिवारों को आपदा प्रभावित राहत शिविरों में भेजा गया था। जिसके बाद से अब तक उन्हें विस्थापित नहीं किया गया है
टूटे घरों में वापस लौटे लोग
जोशीमठ आपदा को पांच महीने बीत गए हैं। लेकिन अब तक आपदा प्रभावितों के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिसके चलते कई प्रभावित परिवार किराए के मकानों पर या फिर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। लेकिन कुछ लोग अपने टूटे घरों में ही वापस लौट गए हैं।
सरकार की उदासीनता पर आपदा प्रभावितों में गुस्सा
जोशीमठ और जोशीमठ आपादा पीड़ितों पर सरकार की उदासीनता पर आपदा प्रभावितों में गु्स्सा है। जिसके चलते सोमवार को आपदा प्रभावितों ने तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना देकर अपना विरोध दर्ज किया। प्रभावितों का कहना है कि सरकार ने किराया देने की बात कही थी। लेकिन प्रभावितों को तीन महीने से किराया भी नहीं मिला है।