लोकसभा में टीएमसी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या गांधी जयंती के मौके पर आयोजित किया जाना चाहिए था न कि वीडी सावरकर की जयंती पर.
उन्होंने कहा, “हमने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फ़ैसला किया है.”
राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने भी इस मामले में ट्वीट किया और कहा कि संसद सिर्फ़ एक इमारत नहीं बल्कि पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और भारतीय लोकतंत्र की नींव वाली एक संस्था है.
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी के लिए रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन केवल मैं, मैं, ख़ुद के बारे में है. इसलिए हमें इससे बाहर रखें.”
वहीं, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी कहा कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है.
उन्होंने लिखा, “ये भारत के दलित आदिवासी व वंचित समाज का अपमान है. मोदी जी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करने के विरोध में आम आदमी पार्टी उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी.”
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी ये कह चुके हैं कि संसद भवन का उद्घाटन पीएम नहीं बल्कि राष्ट्रपति को करना चाहिए.
हालांकि, कांग्रेस ने ये कहा है कि उद्घाटन समारोह में शामिल होने को लेकर फ़ैसला सही समय पर किया जाएगा.
पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने समारोह में शामिल होने या न होने के सवाल पर कहा, “उचित समय पर उचित फ़ैसला किया जाएगा.”
पीटीआई की ख़बर के अनुसार, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (सीपीआई) के महासचिव डी राजा ने भी कहा है कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी।